Wednesday, 6 August 2014

kashmir vivad

सरकारी दस्तावेजों से जम्मू एवं कश्मीर गायब
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जम्मू एवं कश्मीर को समूचा देश भले ही भारत का अभिन्न अंग माने, लेकिन नागौर जिले की मूंडवा पंचायत समिति के सरकारी दस्तावेजों में जम्मू एवं कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है। दुखद बात यह है कि अधिकारी इस चूक को भी अपनी मनमानी को जायज ठहराने के लिए कुतर्क के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
मूंडवा पंचायत समिति के भटनोखा गांव में आम रास्ते पर सरपंच के अतिक्रमण की जांच में सामने आए 1962 के पट्टों में भारत के मानचित्र से छेड़छाड़ सामने आई है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान 8 मार्च, 2014 को भटनोखा गांव में सरपंच परिवार की ओर से आम रास्ता रोक देने की शिकायत पर जिला कलेक्टर ने 11 मार्च, 2014 को जांच के आदेश दिए थे। बीडीओ ने तत्काल निर्माण कार्य रुकवा कर जांच के लिए एक समिति गठित कर दी थी। समिति आम रास्ते के आस-पास के बाड़ों के मालिकों से पट्टे पेश करने को कहा। पट्टे देखकर एकबारगी सभी हैरान रह गए।  ग्राम पंचायत ग्वालू  की ओर से 1962 में जारी किए गए इन पट्टों पर भारत का नक्शा बना बना हुआ है, जिसमें जम्मू एवं कश्मीर का तकरीबन पूरा हिस्सा गायब है। गांव के एक युवक ने अधिकारियों का इस चूक की ओर ध्यान दिलाया तो उस समय तो अधिकारी मुस्कुरा कर रह गए, लेकिन 4 अगस्त, 2014 को  आम रास्ते को ही नकारते हुए कह दिया कि पहले के अधिकारियों को देश के मानचित्र में जम्मू एवं कश्मीर ही नहीं दिखा तो हमें आम रास्ता कैसे दिख सकता है? नाडी, स्कूल तथा श्मशान जाने का आम रास्ता बचाने की कोशिश में जुटे ग्रामीण बीडीओ तथा तहसीलदार कार्यालय जाकर दस्तावेज दिखाकर अनुनय-विनय कर रहे हैं कि सरपंच श्याम सिंह के बाड़े के पूर्व तथा परसराम के पश्चिम में इन्हीं पट्टों में आम रास्ता दर्ज है तो फिर आम रास्ता कहां गया? अधिकारी उनका उपहास उड़ा रहे हैं कि नक्शे में जम्मू-कश्मीर आएगा, तो आपका भी आम रास्ता खुलवा दिया जाएगा।

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