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राज्यसभा उप चुनाव : सत्तारूढ़ कांग्रेस की अग्निपरीक्षा
भाजपा के लिए मदन लाल सैनी की सीट बचाने की चुनौती
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी के देहांत से रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर 26 अगस्त को हो रहे उपचुनाव प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए राजस्थान से एंट्री का रास्ता खोल सकता है। गौरतलब है कि 4 अप्रेल, 2018 से राज्यसभा तथा मई, 2014 से लोकसभा में राजस्थान से कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकार तो बना ली, लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 25 में से किसी सीट पर अपना खाता भी नहीं खोल पाई। यहां तक कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत खुद अपने ही गृहक्षेत्र जोधपुर से चुनाव बुरी तरह हार गए। लोकसभा के लगातार दो चुनाव में कांग्रेस प्रदेश में एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं करवा पाई। राज्यसभा में भी राजस्थान से कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी के देहांत से रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस को उम्मीद है कि राजस्थान से संसद में उनकी हाजिरी दर्ज हो जाएगी। गौरतलब है कि यह पहला मौका है, जब राजस्थान से संसद में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
सैनी की सीट पर टक्कर
मदन लाल सैनी भाजपा से 4 अप्रेल, 2018 को राज्यसभा के लिए चुने गए। उनके साथ डॉ. किरोड़ी लाल मीणा तथा भूपेंद्र सिंह यादव भी भाजपा से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए। इसके साथ प्रदेश की सभी 10 राज्यसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा हो गया। सैनी का कार्यकाल 3 अप्रेल, 2024 तक था, लेकिन 24 जून, 2019 को उनका निधन हो जाने से यह सीट खाली हो गई। अब उनकी इस सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस प्रदेश से संसद में एंट्री पाने की कवायद में जुटी है तो भाजपा भी अपनी इस सीट को बचाने की जुगत में है। संख्याबल कांग्रेस के साथ है, लेकिन कांग्रेस में चल रही धड़ेबंदी के चलते खेल बिगड़ भी सकता है।
509 दिन संसद से दूर
मदन लाल सैनी के देहांत से खाली हुई राज्यसभा सीट पर कांग्रेस यदि जीत जाती है तो 509 दिन बाद कांग्रेस को राजस्थान से संसद में एंट्री पाने का मौका मिलेगा। इस मौके को भुनाने के लिए कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह या किसी बड़ी शख्सियत को उम्मीदवार के रूप में तलाश रही है, ताकि कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग के खतरे को पूरी तरह टाला जा सके। भाजपा भी ऐसी प्रत्याशी को तलाश रही है, जो किसी तरह जीत दिलवा सके।
अगले साल तीन सीटों पर चुनाव
राज्यसभा सदस्य रामनारायण डूडी, विजय गोयल तथा नारायण पंचारिया का 9 अप्रेल, 2020 को कार्यकाल पूरा हो रहा है। इन तीन सीटों के लिए संभवत: मार्च, 2020 में चुनाव होगा। विधानसभा में संख्याबल के लिहाज से एक-एक सीट पर कांग्रेस तथा भाजपा के खाते में मानी जा रही है, लेकिन शेष एक सीट के लिए कांग्रेस को निर्दलीय व अन्य दलों का सहयोग लेना पड़ेगा। भाजपा भी इस सीट को पाने के लिए अपना पूरा दमखम लगाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि तीसरी सीट को लेकर रोचक मुकाबला होगा।
विधानसभा में स्थिति
कांग्रेस - 100
भाजपा - 72
बसपा - 6
सीपीएम - 2
निर्दलीय - 13
अन्य - 5
रिक्त -2
किसका कितना कार्यकाल
रामनारायण डूडी (भाजपा) : 10 अप्रेल, 2014- 9 अप्रेल, 2020
विजय गोयल (भाजपा) : 10 अप्रेल, 2014- 9 अप्रेल, 2020
नारायण लाल पंचारिया (भाजपा): 10 अप्रेल, 2014 - 9 अप्रेल, 2020
के.जे.अल्फॉन्स (भाजपा): 10 नवंबर, 2017- 4 जुलाई, 2022
हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर (भाजपा) : 10 नवंबर, 2017- 4 जुलाई, 2022
ओमप्रकाश माथुर (भाजपा) : 10 नवंबर, 2017- 4 जुलाई, 2022
रामकुमार वर्मा (भाजपा): 10 नवंबर, 2017- 4 जुलाई, 2022
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा(भाजपा) : 4 अप्रेल, 2018 - 3 अप्रेल, 2024
भूपेंद्र सिंह यादव (भाजपा) : 4 अप्रेल, 2018 - 3 अप्रेल, 2024
राज्यसभा उप चुनाव : सत्तारूढ़ कांग्रेस की अग्निपरीक्षा
भाजपा के लिए मदन लाल सैनी की सीट बचाने की चुनौती
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी के देहांत से रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर 26 अगस्त को हो रहे उपचुनाव प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए राजस्थान से एंट्री का रास्ता खोल सकता है। गौरतलब है कि 4 अप्रेल, 2018 से राज्यसभा तथा मई, 2014 से लोकसभा में राजस्थान से कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकार तो बना ली, लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 25 में से किसी सीट पर अपना खाता भी नहीं खोल पाई। यहां तक कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत खुद अपने ही गृहक्षेत्र जोधपुर से चुनाव बुरी तरह हार गए। लोकसभा के लगातार दो चुनाव में कांग्रेस प्रदेश में एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं करवा पाई। राज्यसभा में भी राजस्थान से कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी के देहांत से रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस को उम्मीद है कि राजस्थान से संसद में उनकी हाजिरी दर्ज हो जाएगी। गौरतलब है कि यह पहला मौका है, जब राजस्थान से संसद में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
सैनी की सीट पर टक्कर
मदन लाल सैनी भाजपा से 4 अप्रेल, 2018 को राज्यसभा के लिए चुने गए। उनके साथ डॉ. किरोड़ी लाल मीणा तथा भूपेंद्र सिंह यादव भी भाजपा से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए। इसके साथ प्रदेश की सभी 10 राज्यसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा हो गया। सैनी का कार्यकाल 3 अप्रेल, 2024 तक था, लेकिन 24 जून, 2019 को उनका निधन हो जाने से यह सीट खाली हो गई। अब उनकी इस सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस प्रदेश से संसद में एंट्री पाने की कवायद में जुटी है तो भाजपा भी अपनी इस सीट को बचाने की जुगत में है। संख्याबल कांग्रेस के साथ है, लेकिन कांग्रेस में चल रही धड़ेबंदी के चलते खेल बिगड़ भी सकता है।
509 दिन संसद से दूर
मदन लाल सैनी के देहांत से खाली हुई राज्यसभा सीट पर कांग्रेस यदि जीत जाती है तो 509 दिन बाद कांग्रेस को राजस्थान से संसद में एंट्री पाने का मौका मिलेगा। इस मौके को भुनाने के लिए कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह या किसी बड़ी शख्सियत को उम्मीदवार के रूप में तलाश रही है, ताकि कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग के खतरे को पूरी तरह टाला जा सके। भाजपा भी ऐसी प्रत्याशी को तलाश रही है, जो किसी तरह जीत दिलवा सके।
अगले साल तीन सीटों पर चुनाव
राज्यसभा सदस्य रामनारायण डूडी, विजय गोयल तथा नारायण पंचारिया का 9 अप्रेल, 2020 को कार्यकाल पूरा हो रहा है। इन तीन सीटों के लिए संभवत: मार्च, 2020 में चुनाव होगा। विधानसभा में संख्याबल के लिहाज से एक-एक सीट पर कांग्रेस तथा भाजपा के खाते में मानी जा रही है, लेकिन शेष एक सीट के लिए कांग्रेस को निर्दलीय व अन्य दलों का सहयोग लेना पड़ेगा। भाजपा भी इस सीट को पाने के लिए अपना पूरा दमखम लगाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि तीसरी सीट को लेकर रोचक मुकाबला होगा।
विधानसभा में स्थिति
कांग्रेस - 100
भाजपा - 72
बसपा - 6
सीपीएम - 2
निर्दलीय - 13
अन्य - 5
रिक्त -2
किसका कितना कार्यकाल
रामनारायण डूडी (भाजपा) : 10 अप्रेल, 2014- 9 अप्रेल, 2020
विजय गोयल (भाजपा) : 10 अप्रेल, 2014- 9 अप्रेल, 2020
नारायण लाल पंचारिया (भाजपा): 10 अप्रेल, 2014 - 9 अप्रेल, 2020
के.जे.अल्फॉन्स (भाजपा): 10 नवंबर, 2017- 4 जुलाई, 2022
हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर (भाजपा) : 10 नवंबर, 2017- 4 जुलाई, 2022
ओमप्रकाश माथुर (भाजपा) : 10 नवंबर, 2017- 4 जुलाई, 2022
रामकुमार वर्मा (भाजपा): 10 नवंबर, 2017- 4 जुलाई, 2022
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा(भाजपा) : 4 अप्रेल, 2018 - 3 अप्रेल, 2024
भूपेंद्र सिंह यादव (भाजपा) : 4 अप्रेल, 2018 - 3 अप्रेल, 2024